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नाच न जाने आँगन टेढ़ा ! “एक गलत लीडरशिप”

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हेलो दोस्तों,

एक प्रसिद्द नौका टीम A नाम की थी और एक दूसरी प्रशिद्ध इंटरनेशनल नौका टीम का नाम B था। दोनों ने एक वार्षिक नौका दौड़ प्रतियोगिता पर रजामंदी जताई, हर टीम में 8 सदस्यों का होना तय किया गया। दोनों टीमों ने स्पर्धा के लिए खूब मेहनत की देखने में दोनों टीमें नौका दौड़ जीत की दावेदार दिख रही थीं। लेकिन इम्तिहान के दिन आख़िरकार B टीम को जीत मिली, उसने कम्पटीशन पूरे 1 मील के भारी अंतर से जीती।

हार से A टीम में मातम का माहौल था। आखिकार टीम मैनेजमेंट ने अगले वर्ष कम्पटीशन हर हाल में जीतने का निश्चय किया। इसके लिए टीम के प्रदर्शन की समीक्षा और इसमें सुधर हेतु सुझाव के लिए विशेष समिति का गठन किया गया।

कई विस्तृत अध्ययनों और समीक्षा रिपोर्ट के अनुसार पाया गया कि प्रतिस्पर्धी टीम B में सात नौका खेने वाले थे और एक कप्तान था, लेकिन A टीम में सात कप्तान थे और सिर्फ एक खेने वाला था।

ऐसी नाजुक स्थिति में मैनेजमेंट ने टीम A के पुनर्गठन के लिए एक कंसल्टिंग कंपनी कि नियुक्ति की। कई महीनो तक काम करने के बाद कंसल्टिंग कंपनी इस नतीजे पर पहुंची कि A टीम में कप्तान अधिक और खेने वाले कम हैं। इसके आधार पे एक समाधान ढूंढा गया, A टीम के पुनर्गठन का फैसला किया गया। जिसके अनुसार अब टीम में चार कप्तान होंगे जिनका नेतृत्व दो मैनेजर करेंगे — एक शीर्ष मैनेजर एक खेनेवाला ।

इसके अलावा खेनेवालों के कामकाज के माहौल में बदलाव का सुझाव दिया गया। लेकिन अगले साल कि नौका दौड़ में B टीम ने दो मील के अंतर से जीत हासिल की। इस पर A टीम के खेनेवाले को तत्काल प्रभाव से बहार का रास्ता दिखा दिया गया। क्यूंकि उसका प्रदर्शन संतोषजनक नहीं था। लेकिन तैयारी के दौरान जबरदस्त मनोबल दिखाने के लिए टीम के मैनेजमेंट को बोनस अवार्ड दिया गया।

कंसल्टिंग कंपनी ने एक बार फिर टीम के प्रदर्शन की समीक्षा की, इसमें यह बात सामने आयी कि रणनीति चकाचक थीं। मनोबल बढ़ाने वाले उपाय भी ठीक ठाक थे, लेकि इसके इस्तेमाल किये जानेवाले औजार में सुधार कि जरूरत है। फ़िलहाल टीम A के लिए नयी नौकाओं की डिज़ाइन तैयार की जा रही है।

इस कहानी का सारांश :

नाच न जाने आँगन टेढ़ा, दूसरे शब्दों में अक्षम और आयोग्य लोग हमेशा दूसरों को उपदेश देते हैं। यही बात टीम पर लागू होती हैं। सुधार की गुंजाइस टीम के गठन, उसमे प्रतिभाशाली खिलाडियों और उनकी जरूरतों के आधार पर होनी चाहिए। न की दूसरी चीजों के आधार पर। वर्ना कोई भी टीम कभी भी जीत हासिल नहीं कर सकती।

धन्यवाद्।

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