एक लड़की मेरे दिल को भॉती है!
एक लड़की मेरे दिल को भॉती है!
जो अक्सर ,मेरी गलियों मे आती,जाती है!
उसे देखता हूँ,दिल को सुकुन मिलता है!
कुछ कर जाने का,जुनून मिलता है!
उसके ख्यावों मे आके,सपने बुनता हूँ!
अपनो की कौन सुने,दिल की नहीं सुनता हूँ!
उसको पाने के लिए ,उसके पीछे चलता रहा!
कहॉ से आती है,कहॉ जाती है,क्या करती है, सब कुछ पता करता रहा!
सौभाग्य से, मै बस मे उसके सीट के पास हुऑ!
कुछ कह जाने को,दिल को एहसास हुऑ!
ऐसे मे मेरा रब,मेरे से रूठ गया
वो मेरो को,भैया बोली और मेरा सपना टूट गया!
By-सुनील प्रजापति