हेलो दोस्तों,
क्या आप जानते है कि एक हिरन के दौड़ने कि क्षमता करीब 90 किलोमीटर प्रति घंटा होती है। और वहीँ एक बाघ के दौड़ने कि रफ़्तार करीब 60 किलो मीटर प्रति घंटा होती है। लेकिन फिर भी बाघ हर बार हिरन का शिकार कर लेता है। ऐसा क्यों होता है? आईये हम आपको बताते हैं।
क्योकि हिरन के मन में यह डर होता है कि, वह बाघ से जीत नहीं पायेगा। कहीं बाघ उसका शिकार न कर ले, और इसी डर के वजह से वह बार – बार रुक – कर और पीछे मुड़ कर देखता रहता है। हिरन के मन का डर उसकी रफ़्तार काम कर देता है। और यही वजह है कि, बाघ उसका शिकार कर लेता है।
दोस्तों मन का डर हमेशा आगे बढ़ने से रोकता है। जिस भी व्यक्ति के मन में हार जाने का डर है, वह कभी भी अपनी पूरी क्षमता से काम नहीं कर सकता। उसका मन उसको हमेशा कमजोर होने का एहसास कराता रहेगा। दोस्तों चाहे आप किसी भी फील्ड में हों, और आप चाहे कोई भी कार्य कर रहे हों, आपको अपने मन को जीतना बहुत जरूरी है। क्योकि, जो व्यक्ति मन से हार जाता है, वह अपार क्षमता होने के बावजूद भी असफल हों जाता है।
इसीलिए कहते हैं –
मन के हारे हार हैं, मन के जीते जीत।
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धन्यवाद्।