सुकरात यूनान ( एथेन्स) के एक बहुत ही महान दार्शनिक थे, एक दिन एक व्यक्ति उनके पास आया और बोला। श्रीमान, मुझे सफलता के बारे में जानना है। सफलता का मापदंड क्या होता है। सफलता पाने के लिए हमें कितनी मेहनत करनी चाहिए ?
सुकरात मुस्कुराये और बोले, कल नदी के किनारे आ जाना। मैं वहीं तुम्हे सफलता का रहस्य तुम्हे समझा दूंगा।
दूसरे दिन वे दोनों नदी के किनारे पहुंचे ! सुकरात उस व्यक्ति को बीच नदी में लेकर उतर गए, और जहां अधिक गहराई थी उसी जगह पर जाकर रुक गए। और से उस व्यक्ति के सर पर हाथ रख कर, अचानक से उसे नदी में डुबोने लगे।
नदी में डूबने की वजह से वह व्यक्ति साँस नहीं ले पा रहा था, और कुछ ही समय में छटपटाने लगा, सुकरात ने उसे नदी में डुबाये रखा। वह छटपटा रहा था। और थोड़ी देर बाद उसका सरीर लाल पीला होने लगा।
सुकरात ने उसे बाहर निकला, और किनारे पर लेकर आये।
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सुकरात ने उस व्यक्ति से पुछा, ” कैसा एहसास हुआ आपको ”
वह व्यक्ति सुकरात पर भड़क उठा, और बोला, आप ये मेरे साथ क्या कर रहे थे, इसमें तो मेरी जान जा सकती थी। मैं तो आपसे सिर्फ सफलता का रहस्य जानने के लिए आया था।
सुकरात ने कहा, पानी के अंदर तुम्हे जीतनी तड़प और छटपटाहट हो रही थी न, उतनी ही छटपटाहट किसी भी लक्ष्य को पाने के लिए होनी चाहिए, तब सफलता मिल सकती है।
और यही सफलता का रहस्य है।
दोस्तों हम अपने जीवन में जो कुछ भी पाना चाहते है, कुछ करना चाहते है, तो उसके लिए लक्ष्य का होना बहुत जरूरी है। और लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए हमें इसी प्रकार मेहनत करनी पड़ेगी, ताकि हम सफल हो सकें। और इस प्रकार मेहनत करने वालों को सफलता जरूर मिलती है।
धन्यवाद्।