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मै नहीं मेरा नहीं, यह तन किसी का है दिया।

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मैं नहीं मेरा नहीं, यह तन किसी का है दिया।
जो भी अपने पास है, यह धन किसी का है दिया।।

देने वाले ने दिया वह भी दिया किस शान से।
मेरा है यह लेने वाला कह उठा अभिमान से।।
मैं मेरा यह कहने वाला मन किसी का है दिया।
जो भी अपने पास है, यह धन किसी का है दिया।।

जो मिला है वह हमेशा पास रह सकता नहीं।
कब बिछुड़ जाये ये कोई राज कह सकता नहीं।।
जिंदगानी का खिला गुलशन किसी का है दिया।
जो भी अपने पास है, यह धन किसी का है दिया।।

जग की सेवा सोच अपनी प्रीत उनसे कीजिये।
जिंदगी का राज है यह जान कर जी लीजिये।।
साधना की राह पर साधन किसी का है दिया।
जो भी अपने पास है, यह धन किसी का है दिया।।

मैं नहीं मेरा नहीं, यह तन किसी का है दिया।
जो भी अपने पास है, यह धन किसी का है दिया।।

पृथ्वी पर पापाचार जभी होता है! अर्जुन मेरा अवतार तभी होता है!! पढ़ने के लिए क्लिक करें।

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धन्यवाद्।

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