Old memories of childhood – पूरानी यादें जो अब वापस नहीं आएंगी !
दोस्त आज हम आपको 19वीं शताब्दी की कुछ बाते जो हमारे जीवन में होती थी जो अब हमारे जीवन में सिर्फ एक यद् के रूप में ही रह जाएँगी।
सुदर्शन फ़कीर जी ने लिखा है :- ये दौलत भी ले लो, ये शोहरत भी ले लो, भले छीन लो मुझसे मेरी जवानी |